इंदौर में साइबर अपराधियों की बड़ी गलती: वीडियो कॉल पर नकली पुलिस बने ठग ने वर्दीधारी अधिकारी को देख फोन काटा
इंदौर में साइबर ठगों ने ठगी के इरादे से एडिशनल डीसीपी को वीडियो कॉल किया, लेकिन जब उन्होंने कॉल अटेंड किया, तो मोबाइल स्क्रीन पर वर्दीधारी पुलिस अधिकारी को देखकर ठगों के होश उड़ गए। फौरन कॉल काट दी गई।
यह घटना रविवार दोपहर करीब 2 बजे की है, जब एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया अपने दफ्तर में बैठे थे। उन्हें एक वॉइस कॉल आया, जिसमें कॉलर ने कहा कि उनके क्रेडिट कार्ड से ₹1,11,930 का गलत ट्रांजैक्शन हुआ है और इसे लेकर एफआईआर दर्ज है। अधिकारी ने तुरंत समझ लिया कि यह फ्रॉड कॉल है और बात जारी रखी।
कुछ देर बाद कॉलर ने स्टेटमेंट के लिए वीडियो कॉल किया। जैसे ही ठगों ने पुलिस अधिकारी को वर्दी में देखा, उन्होंने कॉल डिस्कनेक्ट कर दी।
घटना का पूरा विवरण
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया, “मुझे एक ऑटोमेटेड कॉल आया, जिसमें कहा गया कि आपके क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग हुआ है। 2 घंटे के अंदर आपका बैंक अकाउंट बंद हो सकता है। यह डिजिटल ठगी का मामला था, इसलिए मैंने उनसे बात जारी रखी।”
उन्होंने आगे कहा, “कॉलर ने कहा कि आपको थाने में कनेक्ट किया जाएगा। फिर एक ठग ने पुलिसकर्मी बनकर बताया कि आपके आधार कार्ड का दुरुपयोग हुआ है और अंधेरी वेस्ट (मुंबई) में एफआईआर दर्ज है। जब उन्होंने पूछा कि आप मुंबई कब गए थे, तो मैंने जवाब दिया कि मैं 10 साल से मुंबई नहीं गया हूं।”
ठगों ने 2 घंटे के अंदर थाने आने की बात कही, लेकिन अधिकारी ने बताया कि वे इंदौर में रहते हैं और यह संभव नहीं है। इसके बाद ठग ने एक वरिष्ठ अधिकारी से बात कराने का बहाना किया।
जब वीडियो कॉल पर ठगों ने अधिकारी को वर्दी में देखा और बातचीत की, तो उनका पूरा प्लान फेल हो गया। कॉलर ने घबराकर तुरंत फोन काट दिया।
इस घटना से स्पष्ट होता है कि साइबर ठगों की चालाकी का सामना सतर्कता और समझदारी से किया जा सकता है।