इंदौर एयरपोर्ट का नया एटीसी टॉवर जल्द होगा शुरू: 1 घंटे में 30 उड़ानों का संचालन, नई टर्मिनल बिल्डिंग की भी योजना
इंदौर एयरपोर्ट का नया एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) टॉवर बनकर तैयार हो गया है। वर्तमान में ऑपरेशन पुराने एटीसी टॉवर से किया जा रहा है, लेकिन अगले सप्ताह से नए टॉवर पर शेडो ऑपरेशन शुरू होगा। इस दौरान दोनों टॉवर मिलकर विमानों का संचालन करेंगे। इसके बाद पुराने एटीसी टॉवर को बंद कर दिया जाएगा, और वहां नई टर्मिनल बिल्डिंग बनाने की योजना है।
40 मीटर ऊंचा नया टॉवर, आधुनिक तकनीक से लैस
एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, 40 मीटर (लगभग 120 फीट) ऊंचा नया एटीसी टॉवर सात मंजिला है और इसे इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट कंसल्टेंसी (ईपीसी) मॉडल के तहत बनाया गया है। इस पर 42 करोड़ रुपए की लागत आई है, जिसमें आधुनिक उपकरणों का खर्च अलग है। मौजूदा टॉवर की ऊंचाई 20 मीटर है, जो क्षमता में सीमित है।
नए टॉवर से हवाई यातायात को और सुलभ बनाया जाएगा। वर्तमान में एयरपोर्ट से हर घंटे 12 उड़ानें संचालित हो रही हैं, लेकिन नए टॉवर के शुरू होने के बाद यह संख्या बढ़कर 30 हो जाएगी।
पुराने टॉवर की जगह बनेगा नया टर्मिनल
एयरपोर्ट प्रबंधन के अनुसार, पुराने एटीसी टॉवर को हटाने के बाद यहां नया टर्मिनल बनाने की योजना है। हालांकि, इसका अंतिम निर्णय मुख्यालय स्तर पर होगा। एयरपोर्ट विस्तार में 20 एकड़ जमीन न मिलने के कारण दिक्कतें हो रही हैं। उड़ानों और यात्रियों की बढ़ती संख्या के चलते प्रबंधन को ऑपरेशन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
अधिकारियों का कहना है कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए नया टॉवर तैयार किया गया है। वर्तमान में पुराना टॉवर 100 किमी की दूरी से विमानों को नियंत्रित कर सकता है, जबकि नया टॉवर 150 किमी दूर तक नियंत्रण करने में सक्षम होगा।
दिसंबर में शुरू होगा ट्रायल ऑपरेशन
नए टॉवर में सभी आवश्यक आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। इसे शुरू करने से पहले ट्रायल और डीजीसीए की मंजूरी जरूरी है। दिसंबर के पहले सप्ताह से ट्रायल शुरू किया जाएगा।
इस ट्रायल को “पैरेलल या शेडो ऑपरेशन” कहा जाता है, जिसमें मौजूदा और नए टॉवर दोनों का उपयोग विमानों के संचालन के लिए किया जाएगा। अगर इस दौरान कोई कमी नहीं आती, तो जल्द ही सभी उड़ानों का संचालन केवल नए