इंदौर क्राइम ब्रांच ने पकड़ी ऑनलाइन सट्टा गैंग: दुबई से जुड़े तार, 29 मोबाइल और करोड़ों का हिसाब जब्त
इंदौर क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी कार्रवाई में मंदसौर से संचालित हो रही ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाली गैंग का पर्दाफाश किया। इस गैंग के तार दुबई तक जुड़े होने की पुष्टि हुई है। पुलिस ने इस ऑपरेशन में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया और इनके पास से 29 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 13 चेकबुक/पासबुक और करोड़ों रुपए का हिसाब बरामद किया।
ऑपरेशन का खुलासा ऐसे हुआ:
मानवता नगर के एक मकान में ऑनलाइन सट्टे के संचालन की सूचना मिलने पर क्राइम ब्रांच ने दबिश दी। यहां कुछ संदिग्ध लोग लैपटॉप और मोबाइल के जरिए सट्टा खिलाते मिले। जब पुलिस ने जांच की, तो उनके पास से कई बैंकों की पासबुक और चेकबुक भी बरामद हुई। मौके पर उनकी गतिविधियों की पुष्टि हुई, जिसमें यह लोग रॉक एक्सचेंज नाम की वेबसाइट और इसके अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स जैसे रॉक7.आर्ट, रॉकिंप्ले.कॉम, और रॉकेक्च9.कॉम का उपयोग कर ऑनलाइन सट्टा चला रहे थे।
आरोपियों की पहचान:
पुलिस ने मंदसौर जिले के 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें परिक्षीत लोहार (26), रोशन लालवानी (20), विजय विश्वकर्मा (22), अभिषेक यादव (26), रुचित सिंह (25), राजेश कोतक (19), प्रफुल्ल सोनी (29), और महेंद्र सिंह (28) शामिल हैं।
सट्टा चलाने का तरीका:
आरोपी रॉक एक्सचेंज की वेबसाइट के जरिए लोगों को सट्टा लगाने के लिए आईडी और पासवर्ड उपलब्ध कराते थे। वे अलग-अलग बैंक खातों में पैसा डलवाकर उन्हें सट्टा खेलने के लिए डिजिटल पॉइंट्स देते थे। ग्राहक इन पॉइंट्स का इस्तेमाल ऑनलाइन गेम में हार-जीत के दाव लगाने के लिए करते थे।
दुबई से कनेक्शन:
जांच में खुलासा हुआ कि इस गैंग के दुबई से संपर्क हैं। आरोपियों के मोबाइल में दुबई के मनी एक्सचेंज करने वाले लोगों के नंबर मिले। यह लोग रोजाना ऑनलाइन सट्टे के जरिए कमाए गए पैसे को अपने बड़े मालिकों को भेजते थे।
फ्रॉड का तरीका:
आरोपी युवाओं और नाबालिगों को लुभावने ऑफर्स देकर ऑनलाइन सट्टे की लत लगाते थे। ये वेबसाइट्स ऐसी कोडिंग और एल्गोरिदम का उपयोग करती थीं, जिससे गेम खेलने वालों का जीत का प्रतिशत कम कर दिया जाता था। शुरुआत में कुछ लोग पैसा जीतते थे, लेकिन बाद में सबकी हार सुनिश्चित होती थी।
बरामदगी और केस:
पुलिस ने इस कार्रवाई में 29 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 13 चेकबुक/पासबुक और ₹12,770 नकद जब्त किए। सभी आरोपियों के खिलाफ पब्लिक गैम्बलिंग एक्ट 1976 और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
पुलिस का बयान:
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि आरोपियों के पास ऑनलाइन गेमिंग सट्टा संचालित करने के लिए किसी भी तरह के वैध दस्तावेज नहीं थे। उनसे पूछताछ जारी है और कई अन्य लिंक भी सामने आने की संभावना है।
यह कार्रवाई सट्टा खिलाने वाले गिरोहों पर पुलिस की कड़ी नजर और सक्रियता का प्रमाण है।