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इंदौर की सॉफ्टवेयर डेवलपर को ठगने वाला आरोपी गिरफ्तार: 6 राज्यों की पुलिस कर रही थी तलाश, 12 लाख रुपए की ठगी

इंदौर पुलिस ने तेलंगाना की अंतरराज्यीय साइबर गैंग के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह गैंग 6 राज्यों की पुलिस के रडार पर थी। पुलिस ने ठगी से जुड़े 111 बैंक खातों को फ्रीज किया है। इस गैंग ने इंदौर की एक सॉफ्टवेयर डेवलपर महिला से 12 लाख 10 हजार 307 रुपए की ऑनलाइन ठगी की थी। फिलहाल फरियादी के 6 लाख रुपए कोर्ट के माध्यम से रिफंड करने की प्रक्रिया जारी है।

मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर ठगते थे पैसे
क्राइम ब्रांच ने अब तक राजस्थान के झालावाड़ और तेलंगाना के साइबराबाद से गैंग के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी खुद को पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी देकर पैसे ऐंठते थे। आरोपी गैंग रोजाना सैकड़ों लोगों को कॉल कर ठगी का प्रयास करती थी। फिलहाल दोनों आरोपी पुलिस रिमांड पर हैं।

ऐसे दिया गया धोखे का जाल
इंदौर की एक सॉफ्टवेयर डेवलपर महिला ने साइबर हेल्पलाइन पर ठगी की शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि 25 मई 2024 को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को FedEx इंटरनेशनल कूरियर, अंधेरी ईस्ट मुंबई से राजेश वर्मा बताते हुए कहा कि उनके नाम से ताइवान भेजने के लिए एक पार्सल बुक किया गया था, जो कस्टम से रिजेक्ट हो गया है।

जब महिला ने कहा कि उन्होंने कोई पार्सल नहीं भेजा है, तो कॉलर ने पार्सल की जानकारी देते हुए बताया कि उसमें 5 पासपोर्ट, 3 क्रेडिट कार्ड, 5 किलो कपड़े, 200 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स और 1 लैपटॉप है। यह पार्सल उनके आधार कार्ड से भेजा गया था। आरोपी ने डर फैलाने के लिए कहा कि आधार कार्ड का गलत उपयोग किया गया है और इसकी शिकायत अंधेरी मुंबई साइबर क्राइम डिपार्टमेंट में करनी होगी।

कॉलर ने मुंबई साइबर क्राइम डिपार्टमेंट में कॉल ट्रांसफर करने का नाटक किया, जहां एक कथित इंस्पेक्टर ने धमकी दी कि अगर वह 4 घंटे में मुंबई नहीं पहुंची तो उनके खिलाफ ड्रग्स ट्रैफिकिंग का केस दर्ज कर दिया जाएगा।

बैंक अकाउंट से ठगे 12 लाख
डर के कारण महिला ने अपनी बैंक डिटेल साझा की। आरोपी को खाते में 12 लाख 35 हजार रुपए होने का पता चला, जिसके बाद उन्होंने पैसे चेक करने के बहाने आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर करवा लिए। ठगी के बाद आरोपियों ने किसी को कुछ बताने से मना किया।

डर के कारण महिला ने दो दिन बाद अपने पिता को इस घटना के बारे में बताया। इसके बाद उन्होंने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज करवाई। जांच में क्राइम ब्रांच ने राजस्थान के आनंद कुमार और तेलंगाना के के. कृष्ण कुमार को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि गैंग ने कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना और मध्यप्रदेश के कई लोगों को इसी तरह ठगा है।

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