इंदौर न्यूज़

इंदौर में 4 दिसंबर को आधे दिन बाजार बंद: कांग्रेस की मांग – सराफा बाजार में 15 हजार बंगाली कारीगर, इनमें बांग्लादेशी भी; जांच हो

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में संघ के बाद अब कांग्रेस ने भी कदम उठाया है। जहां संघ अपने वैचारिक संगठनों के जरिए इंदौर में 4 दिसंबर को एक बड़े आयोजन की तैयारी कर रहा है, वहीं कांग्रेस ने शहर में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की जांच की मांग उठाई है।

सराफा बाजार में बड़ी संख्या में बंगाली कारीगर

इंदौर के सराफा बाजार में 15,000 से ज्यादा बंगाली कारीगर सोने के आभूषण बनाने का काम करते हैं। ये कारीगर सराफा बाजार के आसपास किराए के मकानों में रहते हैं और उनकी एक एसोसिएशन भी है। सूत्रों का कहना है कि इनमें कुछ लोग बांग्लादेश से आए हो सकते हैं, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है।

कांग्रेस की मांग: बांग्लादेशियों की जांच हो

इंदौर कांग्रेस सेवा दल के जिला कार्यकारी अध्यक्ष विवेक खंडेलवाल और सूचना अधिकार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष गिरीश जोशी ने सराफा बाजार एसोसिएशन को पत्र लिखकर बांग्लादेशी कारीगरों की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए बिना वीजा रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान जरूरी है। कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति अवैध तरीके से यहां रह रहा है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

सराफा बाजार एसोसिएशन का जवाब

एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल रांका ने बताया कि उन्हें कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि यह जांच का काम पुलिस का है, न कि कांग्रेस का। उन्होंने पुलिस से अपील की कि ऐसे मामलों की जांच कर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि एसोसिएशन का इन कारीगरों के रिकॉर्ड से कोई संबंध नहीं है।

बंगाली कारीगर एसोसिएशन का पक्ष

बंगाली कारीगर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशांत सामवंत ने कहा कि सराफा बाजार में काम करने वाले कारीगर मुख्यतः पश्चिम बंगाल से हैं, जो भारत का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि सराफा बाजार में लगभग 15-20 हजार कारीगर काम करते हैं, जिनमें से 10,000 एसोसिएशन में रजिस्टर्ड हैं। अगर कोई बांग्लादेशी नागरिक बंगाली बनकर काम कर रहा है, तो इसे जांचना पुलिस का काम है।

एसोसिएशन का कहना है कि उनके पास यह पहचानने का कोई तरीका नहीं है कि कौन बांग्लादेशी है और कौन नहीं। मामले की सटीक जानकारी के लिए पुलिस की जांच ही कारगर हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button