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इंदौर की ‘विश्व सुंदरी’ ने चेतक महोत्सव में जीता पहला स्थान: देशभर के 400 घोड़ों को पछाड़ा

इंदौर की विश्व सुंदरी की ऐतिहासिक जीत:
इंदौर की मशहूर घोड़ी ‘विश्व सुंदरी’ ने महाराष्ट्र के सारंगखेड़ा में आयोजित चेतक महोत्सव में जीत दर्ज की। यह प्रतियोगिता देशभर के घोड़े-घोड़ियों के बीच आयोजित होती है, जहां करीब 400 प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया। घोड़ी के मालिक पवन सिंह चावड़ा और उनके बेटे शुभम सिंह ने बताया कि उन्होंने इसे पुष्कर मेले से 10 महीने की उम्र में खरीदा था और अब यह 18 महीने की हो चुकी है।

मारवाड़ी स्पर्धा में उत्कृष्ट प्रदर्शन:
चेतक महोत्सव में मारवाड़ी स्पर्धा सबसे कठिन मानी जाती है। इस स्पर्धा में 30 प्रतिभागियों को हराते हुए ‘विश्व सुंदरी’ ने पहला स्थान हासिल किया। पुरस्कार के तौर पर इसे 1 लाख रुपये नकद, एक प्रशस्ति पत्र, और शील्ड प्रदान की गई।

51 लाख की लगाई गई कीमत:
इस घोड़ी की खासियत ने प्रतियोगिता में दर्शकों और आयोजकों का ध्यान खींचा। मेले के दौरान इसकी कीमत 51 लाख रुपये तक लगाई गई, जो इसकी अनोखी कद-काठी और शानदार प्रदर्शन का प्रमाण है।

गांव में भव्य स्वागत:
महोत्सव से लौटने के बाद ‘विश्व सुंदरी’ का गांव पालाखेड़ी में भव्य स्वागत किया गया। ढोल-ताशों के साथ विजय जुलूस निकाला गया, जिसमें चावड़ा परिवार और ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

विशेष देखभाल और व्यायाम:
‘विश्व सुंदरी’ की देखभाल किसी परिवार के सदस्य की तरह की जाती है। इसे प्रतिदिन 3 लीटर दूध, चना, चापड़ और अन्य पोषक आहार दिया जाता है। साथ ही, इसका रोजाना एक घंटे का व्यायाम सुनिश्चित किया जाता है। पशु चिकित्सक नियमित रूप से इसका स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं।

विशेष वाहन से यात्रा:
घोड़ी को 600 किलोमीटर का सफर तय कर इंदौर से सारंगखेड़ा ले जाया गया। इसके लिए विशेष रूप से 6 लाख रुपये की लागत से एक वाहन तैयार किया गया, जिसमें एसी और आरामदायक यात्रा के लिए सभी सुविधाएं मौजूद थीं।

नामकरण की कहानी:
पवन सिंह चावड़ा ने बताया कि घोड़ी का नाम ‘विश्व सुंदरी’ इसकी खास कद-काठी, 61 इंच की ऊंचाई, पतली गर्दन, छोटे कान, और मासूम चेहरे की वजह से रखा गया। यह अपने पूर्वज सप्ताश और मां शिवनाथ की विरासत को आगे बढ़ा रही है।

आधुनिक पशु प्रबंधन का उदाहरण:
इंदौर की ‘विश्व सुंदरी’ न केवल अपनी अनूठी सुंदरता और कद-काठी के लिए जानी जाती है, बल्कि यह पशुपालकों के लिए आधुनिक प्रबंधन और देखभाल का प्रेरणास्त्रोत भी है।

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