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इंदौर में 5 लाख श्रद्धालुओं की मौजूदगी में बाबा रणजीत हनुमान की प्रभात फेरी: 200 मंचों पर स्वागत, 1 हजार पुलिसकर्मी तैनात

139वीं प्रभात फेरी का शुभारंभ:
बाबा रणजीत हनुमान की 139वीं प्रभात फेरी सोमवार सुबह 5 बजे मंदिर परिसर से शुरू हुई। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जो बाबा के जयकारों से गूंजती रही। स्वर्ण रथ पर सवार बाबा रणजीत हनुमान का रथ यात्रा सुबह करीब 11:15 बजे मंदिर परिसर में समाप्त हुई।

भव्य स्वागत और धार्मिक आयोजन:
शहरभर में 200 से ज्यादा मंचों पर बाबा का स्वागत किया गया। इन मंचों पर श्रद्धालुओं ने फूल-मालाओं से बाबा के रथ की अगवानी की। विभिन्न स्थानों पर धार्मिक गीत, भजन और नृत्य की प्रस्तुति ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।

विशेष झांकियां और कलाकारों का प्रदर्शन:
प्रभात फेरी का मुख्य आकर्षण भगवान राम और हनुमान जी की झांकियां रहीं। पांच विशिष्ट हनुमान की वेशभूषा में कलाकारों ने भक्तों का ध्यान आकर्षित किया। यह झांकियां बाबा के आशीर्वाद और पौराणिक कथाओं के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत की गईं।

श्रद्धालुओं की भागीदारी:
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर आयु वर्ग के श्रद्धालु बाबा का आशीर्वाद लेने पहुंचे। भक्त जय रणजीत के जयघोष लगाते हुए पूरे जोश और उमंग के साथ फेरी में शामिल हुए। कुछ श्रद्धालु अपने परिवार के साथ स्वर्ण रथ के दर्शन करने और भक्ति भाव में सराबोर होने आए।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम:
प्रभात फेरी के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए थे। करीब 1,000 पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था संभालने में जुटे रहे। यातायात को नियंत्रित करने और भीड़ प्रबंधन के लिए सख्त निगरानी रखी गई।

भक्तों के लिए विशेष प्रबंध:
प्रभात फेरी के मार्ग पर पानी, प्रसाद और विश्राम की व्यवस्था की गई थी। मंदिर प्रबंधन ने बड़े स्तर पर आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए वालंटियर्स की टीम लगाई।

आध्यात्मिक महत्व:
मंदिर के पुजारी दीपेश व्यास ने कहा कि प्रभात फेरी का आयोजन श्रद्धालुओं की आस्था और बाबा रणजीत हनुमान के प्रति समर्पण का प्रतीक है। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि समाज को एकता और सद्भाव का संदेश भी देता है।

समापन:
प्रभात फेरी के समापन के बाद मंदिर में विशेष पूजा अर्चना और भंडारे का आयोजन किया गया। भक्तों ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया और बाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया।

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