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इंदौर के एमवाय अस्पताल में कैदी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा- ‘मुझे जीने का हक नहीं’

इंदौर के एमवाय अस्पताल में गुरुवार सुबह एक विचाराधीन कैदी ने बाथरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक का नाम महेंद्र (30) था, जो राजस्थान के पाली जिले के नयागांव चापड़ा का रहने वाला था। वह दुष्कर्म के आरोप में 16 नवंबर को इंदौर सेंट्रल जेल भेजा गया था।

महेंद्र को हार्निया की बीमारी के इलाज के लिए एक सप्ताह पहले एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घटना की जानकारी तब हुई जब एक साथी कैदी ने बाथरूम में उसे फांसी पर लटका देखा और गार्ड को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस को महेंद्र के पास से एक सुसाइड नोट मिला। नोट में उसने लिखा, “मैं अपनी मर्जी से जान दे रहा हूं। मैंने ऐसा काम किया है कि मुझे जीने का हक नहीं है।” उसने अपनी पत्नी का मोबाइल नंबर भी लिखा था और उसे सूचना देने की बात कही।

रातभर दर्द से चिल्लाता रहा:

सूत्रों के अनुसार, बुधवार-गुरुवार की रात महेंद्र को हार्निया का तेज दर्द हुआ था। उसने रातभर दर्द से चिल्लाते हुए मदद मांगी, लेकिन अस्पताल के स्टाफ ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

गार्ड और डॉक्टरों में विवाद:

सुबह जब गार्ड ने महेंद्र की मौत की सूचना दी, तो मौके पर डॉक्टर और पुलिस पहुंची। डॉक्टर ने इसे इलाज के दौरान मौत बताया, लेकिन पुलिस जांच में गले पर फांसी के निशान मिले, जिससे आत्महत्या की पुष्टि हुई।

पुलिस की जांच जारी:

संयोगितागंज थाना पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। एएसआई नूर सिंह ने बताया कि जेल अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है और महेंद्र के गले पर फांसी के निशान पाए गए हैं।

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