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महिला सफाईकर्मी को भिखारी समझ प्रशासन ने उज्जैन भेजा: दो भिखारी स्लीपर कोच से रिजर्वेशन कर इंदौर आए

इंदौर में प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे भिक्षुक मुक्त अभियान के दौरान एक बड़ी चूक हुई। अधिकारियों ने नगर निगम की एक महिला सफाईकर्मी सरोज पति भैया लाल को भिखारी समझकर पकड़ लिया और उसे उज्जैन के सेवा धाम आश्रम में छोड़ दिया।

महिला सफाईकर्मी जोन 20 के वार्ड 6 में सफाई कार्य करती थीं। 21 दिसंबर को ड्यूटी खत्म होने के बाद जब वह घर नहीं लौटीं, तो परिवार और नगर निगम के अधिकारी उन्हें ढूंढने में जुट गए। कुछ दिन बाद पता चला कि महिला को भिखारी समझकर रेस्क्यू टीम ने उज्जैन भेज दिया। परिजनों के अनुरोध पर विभाग ने एक सप्ताह बाद महिला को सेवा धाम से वापस छोड़ा।

इधर, गुरुवार को रेस्क्यू ऑपरेशन में प्रशासन ने दो भिखारियों को पकड़ा। इनमें से एक आंध्र प्रदेश के कुरनूल से रेलवे स्लीपर कोच में रिजर्वेशन कर इंदौर भीख मांगने आया था। उसके पास से 20 हजार रुपए नकद और कुरनूल-भोपाल व भोपाल-कुरनूल के रेलवे टिकट भी मिले।

पहले भी पकड़े गए थे आंध्र प्रदेश से आए भिखारी

यह पहली बार नहीं है जब आंध्र प्रदेश से आए भिखारी पकड़े गए हैं। इससे पहले राजवाड़ा क्षेत्र में एक महिला के पास 75 हजार रुपए और एक अन्य व्यक्ति के पास 29 हजार रुपए बरामद हुए थे।

300 से अधिक भिखारी रेस्क्यू

इंदौर प्रशासन ने अब तक 300 से ज्यादा भिखारियों को रेस्क्यू कर उज्जैन सेवा धाम भेजा है। कलेक्टर ने घोषणा की है कि भीख मांगने और देने वाले दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

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