100 कैमरे, 300 ट्रक पेड़, 46 दिन की मेहनत से इंदौर बनाएगा 1 दिन मैं 11 लाख वृक्षारोपण का वर्ल्ड रिकॉर्ड
हैं तैयार हम – आज सफल होंगे इंदौर वासियों के वर्ल्ड रिकॉर्ड के भागीरथी प्रयास
हैं तैयार हम -इंदौरवासी आज बनाएंगे 11 लाख वृक्षारोपण का वर्ल्ड रिकॉर्ड
महापौर पुष्यमित्रजी भार्गव ने शहरवासियों से अपील
11 लाख वृक्षारोपण के वर्ल्ड रिकॉर्ड पर 100 कैमरों से रहेगी नजर, 20 करोड़ रुपये की लागत के पेड़ मिले हैं दान में, 300 ट्रकों में भरकर पेड़ लाए गए हैं. पिछले 46 दिनों में बनी है योजना
11 लाख वृक्षारोपण के वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है और अब अपने शहर को हरियाली की चादर ओढ़ाने के लिए शहरवासी आज रेवती रेंज पर बड़े स्तर पर वृक्षारोपण करेंगे. इससे पहले माननीय नगरीय प्रशासन मंत्री श्री कैलाशजी विजयवर्गीय ने रेवती रेंज की पहाड़ी पर स्थित कंट्रोल रूम पर एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित किया और 14 जुलाई को वृक्षारोपण महाअभियान के अंतर्गत बनने वाले वर्ल्ड रिकॉर्ड और इस संबंध में की गई तैयारियों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी.
मंत्री श्री कैलाशजी विजयवर्गीय ने बताया कि गिनीज बुक के तयशुदा मापदंडों के तहत अभियान में कामकाज किया जा रहा है. इसके तहत 13 जुलाई को शाम छह बजे से विद्वान पंडितों की उपस्थिति में भूमिपूजन के साथ गड्ढे खोदने का काम प्रारंभ किया गया. योजना के मुताबिक 12 घंटे गड्ढे खोदे जाएंगे और 14 जुलाई को सुबह छह बजे से वृक्षारोपण महाअभियान प्रारंभ होगा. वृक्षारोपण के लिए बड़े पैमाने पर कटर, छोटे फावड़े आदि आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की गई है. लोगों की सहायता के लिए बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों की टीम तैनात रहेगी. रेवती रेंज पर वृक्षारोपण स्थल पर 100 कैमरे लगाए गए हैं. कंट्रोल रूम से इन 100 कैमरों की मदद से निगरानी की जाएगी. रेवती रेंज को 9 जोन और 100 सबजोन में विभाजित किया गया है.
51 लाख वृक्षारोपण और 11 लाख वृक्षारोपण के वर्ल्ड रिकॉर्ड की कल्पना 27 मई को की गई थी. 46 दिनों की मेहनत और समर्पित लोगों की टीम की वजह से हम आज इस अहम मुकाम पर पहुंच गए हैं. यह विश्व का सबसे बड़ा जनभागीदारी का अनूठा कार्यक्रम है. रेवती रेंज में जो वन आकार लेगा वह पूरे शहर की अनमोल संपत्ति होगी. इन वृक्षों से हमारे बच्चों का भविष्य जुड़ा हुआ है. आने वाले समय में यह इंदौर शहर और आसपास के इलाकों का बड़ा पिकनिक स्पॉट बनेगा. यहां पर मधुकामिनी के 9 लाख पोधों का रोपण किया जाएगा, जिससे पहाड़ी और आसपास उसके फूलों की खुश्बु से वातावरण काफी सुगंधित और सकारात्मक ऊर्जा वाला होगा. यहां पर विभिन्न प्रजातियों के पौधों के रोपण से एक बेहतर इकोसिस्टम तैयार होगा और विभिन्न प्रजातियों की चहचहाहट यहां पर पिकनिक मनाने वालों को आकर्षित करेगी.
51 लाख वृक्षारोपण का संकल्प लेने के बाद हमने पौधों को इकट्ठा करने की योजना बनाई गई और 20 करोड़ रुपये की लागत के पेड़ हमें दान में मिले हैं. 300 ट्रकों में भरकर पेड़ वृक्षारोपण स्थल तक आए हैं. अब तक शहर और उसके आसपास के इलाकों में 23 से 24 लाख पेड़ लग चुके हैं और जिस रफ्तार और उत्साह से वृक्षारोपण हो रहा है मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हम 51 लाख के आंकड़े को पार कर जाएंगे. रेवती रेंज पर एक नर्सरी भी बनाई जाएगी, जिसमें एक लाख से ज्यादा पेड़ होंगे. यदि कोई वृक्ष खराब हो जाता है या मृत हो जाता है तो उसकी जगह पर नया पौधा लगाया जाएगा.कोई भी व्यक्ति यदि किसी पौधे को खराब देखे तो वह भी लगा सकता है. वृक्षारोपण से आकार ले रहे यह वन भविष्य की पूंजी होंगे और इससे इंदौर की प्रतिष्ठा दुनियाभर में होगी.
प्रेस कांफ्रेस में महापौर पुष्यमित्रजी भार्गव ने शहरवासियों से अपील की है कि वह रेवती रेंज आने के लिए दोपहिया वाहन का प्रयोग करें और साथ ही अपने साथ बच्चों, वृद्धजनों और दिव्यांगों को ना लाए.
इससे पहले मंत्री श्री कैलाशजी विजयवर्गीय ने रेवती रेंज पर कंट्रोल रूम का फीता काटकर शुभारंभ किया. कंट्रोल रूम से संपूर्ण रेवती रेंज पर निगाह रखी जाएगी. प्रेस कांफ्रेंस में मंत्री श्री कैलाशजी विजयवर्गीय के साथ माननीय जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीजी सिलावट और माननीय महापौर पुष्यमित्रजी भार्गव भी उपस्थित थे.